शीर्षासन करने का तरीका, 10 फायदे और सावधानियां | Sirsasana Benefits in Hindi
बालों के लिए शीर्षासन के फायदे Sirsasana Benefits in Hindi : योग में बहुत से ऐसे आसन है जिनके अभ्यास से शरीर को अनगिनत लाभ प्राप्त हो सकते हैं। फिर चाहे बात मोटापा कम करने की हो या तनाव दूर करने की या फिर शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने की योग हर चीज में मददगार होता है। अगर सभी योगासन इतने लाभकारी है तो जरा सोचिए की सभी आसनों के राजा कहे जाने वाले शीर्षासन के फायदे (sirsasana ke fayde) शरीर के लिए कितने शानदार होंगे।
शीर्षासन न सिर्फ शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है, बल्कि इसके अभ्यास से त्वचा व बालों को भी काफी लाभ मिलता है। इसे हेयर ग्रोथ के लिए बेस्ट योगासन में से एक माना जाता है। वैसे तो हर आसन की अपनी खूबी होती है, लेकिन शीर्षासन (sirsasana) का नाम कुछ ऐसे आसनों में आता है जिनके अभ्यास का लाभ पूरे शरीर के अंगों को प्राप्त होता है।
यह सिर से लेकर पांव तक के अंगों के लिए लाभकारी होता है। यह बालों की ग्रोथ बढ़ाने, चेहरे पर चमक बढ़ाने, मोटापा कम करने, कमर और कंधों को मजबूत बनाने, शारीरिक संतुलन बनाने और शरीर के पोस्चर में सुधारे करने में मदद करता है। साथ ही ब्रेन के लिए भी शीर्षासन के फायदे (sirsasana benefits in hindi) अच्छे है, इसके अभ्यास से ब्रेन की ओर रक्त संचार बढ़ता है। शीर्षासन करने का तरीका, इसके फायदे और सावधानियों (sirsasana in hindi) के बारे में जानने के लिए आगे पढ़े।
शीर्षासन क्या है – Sirsasana in Hindi
शीर्षासन संस्कृत भाषा के दो शब्द शीर्ष और आसन से मिलकर बना है। जिसमें “शीर्ष” का अर्थ सिर और “आसन” का अर्थ योग मुद्रा से है। इंग्लिश में इसे Headstand Yoga Pose के नाम से भी जाना जाता है। इस आसन को सिर के बल किया जाता है, जिसमें सिर नीचे जमीन में और पैर आसमान की ओर होते है। इस तरह इस आसान में शरीर का पूरा भार शरीर के ऊपरी हिस्से पर होता है। शीर्षासन को सभी आसनों का राजा कहा जाता है और पूरे शरीर के अंगों को इसके लाभ प्राप्त होते हैं।
शीर्षासन करने के फायदे – Sirsasana Benefits in Hindi
1. बालों के लिए शीर्षासन के फायदे
बालों के लिए शीर्षासन (headstand yoga pose) को सबसे अच्छा आसन माना जाता है। इसके अभ्यास से रक्त संचार सिर की ओर बढ़ता है, जिससे बालों को अच्छे से पोषण मिलता है और इससे बाल हेल्दी रहते हैं। शीर्षासन के नियमित अभ्यास से बालों की आम समस्या जैसे बालों का झड़ना, बालों का टूटना, बालों का पतलापन व उम्र से पहले बालों का सफेद होना आदि को रुका जा सकता है। देखा जाये तो बालों के लिए शीर्षासन के फायदे (shirshasana benefits for hair in hindi) किसी टॉनिक से कम नहीं हैं। लेकिन इसके साथ-साथ आपको अपने खानपान का भी ध्यान रखना चाहिए।
2. चेहरे पर चमक बढ़ाये

बालों के साथ-साथ शीर्षासन के लाभ (sirsasana benefits in hindi) त्वचा के लिए भी अच्छे हैं। यह चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने वाले योगासन में से एक है। चेहरे की ओर ब्लड फ्लो बढ़ने से चेहरे का ग्लो बढ़ता है और चेहरे की त्वचा हेल्दी रहती है। साथ ही यह आसन त्वचा को लंबे समय तक जवां रखने में भी मदद कर सकता है। इसके नियमित अभ्यास से चेहरे पर झुर्रियों और फाइन लाइन्स की समस्या को भी कम किया जा सकता है।
3. मस्तिष्क के लिए शीर्षासन के फायदे
शीर्षासन (shirsasana) का अभ्यास मस्तिष्क के लिए भी लाभकारी होता है। इस आसन के अभ्यास से मस्तिष्क की ओर ब्लड फ्लो बढ़ता है जिससे दिमाग की कोशिकाएं सही से काम करती है और दिमाग के बंद पुर्जों में नई जान आने लगती है। यह आसन स्मरण शक्ति बढ़ाने और दिमाग को तेज करने में काफी मददगार होता है।छात्रों के लिए शीर्षासन का अभ्यास काफी ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।
4. शारीरिक संतुलन बनाने में मददगार
शीर्षासन (headstand yoga pose) के नियमित अभ्यास से शारीरिक संतुलन में भी सुधार होता है। शीर्षासन का मूल ही शारीरिक संतुलन है, बिना शारीरिक संतुलन के इसका अभ्यास कठिन होता है। बॉडी का बैलेंस अच्छा हो तो मुश्किल शारीरिक कार्यों को भी बड़ी आसानी से किया जा सकता है, साथ ही इससे जटिल योगासनों को करने में भी काफी मदद मिलती है। बॉडी फिटनेस के लिए शारीरिक संतुलन बेहद जरुरी होता है।
5. कमर को मजबूत बनाये

शीर्षासन के अभ्यास से कमर और रीढ़ को मजबूती मिलती है। यह हल्के कमर दर्द को दूर करने में भी काफी मददगार होता है। अगर इस योगासन का सही तरीके से नियमित अभ्यास किया जाए तो इससे भविष्य में कमर दर्द की समस्या से बचा जा सकता है। कमर दर्द की सबसे ज्यादा शिकायत घंटों एक जगह बैठकर कार्य करने वाले लोगो में ज्यादा देखने को मिलती है। इसलिए ऐसे लोगों के लिए इसका अभ्यास जरूर करना चाहिए। इस तरह कमर और रीढ़ के लिए शीर्षासन के फायदे (sirsasana ke fayde) जबरदस्त है।
6. पेट की समस्याओं के लिए शीर्षासन के लाभ
पेट से जुड़ी समस्याओं का एक मुख्य कारण गलत खानपान है। बहुत ज्यादा फास्ट फूड्स, स्पाइसी फूड्स व ऑयली फूड्स के सेवन से अपच, गैस, एसिडिटी, पेट फूलना, छाती में जलन और कब्ज की समस्या हो सकती है। साथ ही इससे डाइजेशन सिस्टम भी कमजोर पड़ने लगता है। ऐसे में अगर खानपान में सुधार करके नियमित शीर्षासन जैसे पाचन शक्ति बढ़ाने वाले योगासन का अभ्यास किया जाए तो पेट की इन बीमारियों को आसानी से दूर किया जा सकता है।
7. डायबिटीज की लिए

डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए खानपान और लाइफस्टाइल में सुधार सबसे ज्यादा जरुरी होता है। साथ ही इसके लिए योग व एक्सरसाइज भी बेहद फायदेमंद होते है। शीर्षासन (sirsasana in hindi) जैसे योगासनों के नियमित अभ्यास से डायबिटीज पर नियंत्रण पाया जा सकता है। हालांकि डायबिटीज को पूरी तरह से ठीक तो नहीं किया जा सकता पर इस पर कंट्रोल जरूर किया जा सकता है। इसलिए डायबिटीज से पीड़ित लोगों को योग जरूर करना चाहिए।
8. सेक्सुअल समस्याओं के लिए लाभकारी
शीर्षासन सेक्सुअल हेल्थ के लिए भी अच्छा होता है। इसके अभ्यास से बहुत सी सेक्सुअल परेशानियों को दूर किया जा सकता है। खासकर शीर्षासन की मदद से शिग्रपतन और स्वपनदोष की समस्या को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। इसके अभ्यास ऊर्जा व स्टैमिना में भी वृद्धि देखने को मिलती है।
9. तनाव और चिंता दूर करें

शीर्षासन के फायदे (sirsasana benefits in hindi) शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी काफी अच्छे है। यह तनाव व चिंता को दूर करने, मन को शांत करने और दिमाग को स्वस्थ रखने में मदद करता है। साथ ही इसके अभ्यास से मन में चल रहे नकरात्मक विचार भी दूर होते है। इसके अलावा शीर्षासन एकाग्रता में भी वृद्धि करता है।
शीर्षासन के अन्य फायदे – Sirsasana Ke Fayde
- मोटापा कम करने में सहायक होता है।
- फेफड़ों को मजबूत बनाता है।
- सिरदर्द की समस्या के लिए भी लाभकारी है।
- आंखों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
शीर्षासन कैसे करें – शीर्षासन करने का तरीका

शीर्षासन के फायदे (sirsasana benefits in hindi) जानने के बाद आपको शीर्षासन करने का सही तरीका (sirsasana kaise kare) जरूर पता होना चाहिए, शीर्षासन के लाभ आपको तभी मिलेंगे जब आप इसे सही तरीके से करेंगे।
स्टेप 1 – वज्रासन की मुद्रा में बैठकर थोड़ा आगे की ओर झुके और अपने दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में मिलाकर लॉक लगा लें।
स्टेप 2 – उसके बाद अपने कूल्हों को ऊपर की ओर उठाए और दोनों पैरों को धीरे-धीरे आगे की तरफ लाये, जितना आगे आप ला सकते हैं।
स्टेप 3 – इस बीच आप अपने शरीर का संतुलन बनाए रखें, किसी चीज की जल्दी न करें। अब धीरे-धीरे अपने सिर को नीचे रखें, दोनों हाथों का लॉक लगाए रखें और अपने दोनों पैर ऊपर की ओर ले जाएं।
स्टेप 4 – अब अपने दोनों पैर बिलकुल सीधा कर लें, अगर बैलेंस नहीं बन पा रहा हो तो आप दीवार का सहारा भी ले सकते हैं।
स्टेप 5 – आपका सिर नीचे, पैर उपर और आंखों की नजर सीधी होनी चाहिए और इस बीच सांस लेते छोड़ते रहें।
स्टेप 6 – इस पोजीशन में थोड़ी देर रुकने की कोशिश करें और फिर धीरे-धीरे अपने दोनों पैर जमीन की तरफ नीचे ले लाए।
शीर्षासन से पहले कौन से आसन करने चाहिए
शीर्षासन से पहले आप ये आसन कर सकते हैं।
- सूर्यनमस्कार
- कर्नापीड़ासन
- उत्तान पादासन
- मत्स्यासन
- ऊर्ध्व पद्मासन
शीर्षासन के बाद कौन से आसन करने चाहिए
- बालासन
- बद्ध पद्मासन
- पद्मासन
- शीर्षासन
बिगिनर्स के लिए शीर्षासन करने का तरीका
इसलिए बिगिनर्स को पहले कुछ दिन दिवार के सहारे ही इसका अभ्यास करना चाहिए। साथ ही ध्यान रहे की कुछ दिन तक जब भी इसका अभ्यास करें अपने साथ एक अन्य व्यक्ति को हमेशा साथ रखें। आप जैसे-जैसे इसका अभ्यास करेंगे, इसमें निपुण होते जाएंगे और फिर एक दिन आप दिवार का सहारा लेना भी बंद कर देंगे। शीर्षासन को कुछ लोग मुश्किल योगासन समझते है और इसे करने की कोशिश भी नहीं करते, आपको ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना है।
शीर्षासन कितनी देर करना चाहिए
शीर्षासन (sirsasana in hindi) कितनी देर करना चाहिए यह आपकी क्षमता पर निर्भर करता हैं। शीर्षासन आप अपनी क्षमता के अनुसार 30 सेकंड से लेकर 15 मिनट तक भी कर सकते हैं। अगर आप एक बिगिनर हैं तो आप 30 सेकंड से शुरआत करें और धीरे धीरे टाइम को बढ़ाये। इसके साथ ही शीर्षासन करने में किसी प्रकार की कोई जोर जबरदस्ती न करें।
शीर्षासन कब करना चाहिए
कुछ लोगों को पता नहीं होता की शीर्षासन कब करना चाहिए और वे किसी भी समय शीर्षासन का अभ्यास आरंभ कर देते है जो की पूरी तरह से गलत है। शीर्षासन (shirsasana in hindi) करने का सबसे सही समय सुबह या शाम का होता है। शीर्षासन करने से पहले अपनी बॉडी को थोड़ा वार्म यानी गर्म कर लें और उसके बाद ही शीर्षासन करें।
अगर आप योग करते है तो योग सेसन के अंत में शीर्षासन कर सकते ह और इसके तुरंत बाद शवासन जरूर करें।शीर्षासन करने के फायदे (shirshasana ke fayde in hindi) आपको तभी प्राप्त होंगे जब आप इसका अभ्यास सही समय पर और सही तरीके से करेंगे।
शीर्षासन कब नहीं करना चाहिए
शीर्षासन (sirsasana in hindi) खाना खाने के तुरंत बाद कभी भी न करें। इस आसन को हमेशा खाली पेट ही करें तो बेहतर होगा। इसके अलावा सुबह उठकर तुरंत शीर्षासन नहीं करना चाहिए। रात को सोने से पहले भी शीर्षासन (Sirsasana) नहीं करना चाहिए।
शीर्षासन किसे नहीं करना चाहिए
- आंखों से जुड़ी कोई गंभीर समस्या में शीर्षासन न करें
- कान से जुड़ी कोई गंभीर समस्या में भी इसका अभ्यास न करें
- दिल से जुड़ी परेशानी में शीर्षासन न करें
- हाई ब्लड प्रेशर में शीर्षासन न करें
- स्लिप डिस्क या कमर से जुड़ी परेशानी में भी इसका अभ्यास न करें
- ब्लड हेमरेज में शीर्षासन न करें
- महिलाओं को पीरियड्स के दौरान शीर्षासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए
- सर्दी, खांसी व जुकाम में में भी इसका अभ्यास न करें
- गर्दन दर्द में में शीर्षासन न करें
नोट : अगर आपको कोई सी भी गंभीर शारीरिक बीमारी या परेशानी हैं तो आप अपने डॉक्टर की सलाह से ही शीर्षासन का अभ्यास करें।
निष्कर्ष – Conclusion
कुछ लोग शीर्षासन (sirsasana in hindi) को बहुत मुश्किल योगासन मानते है, लेकिन ऐसा नहीं है अगर निरंतर प्रयास करते रहे तो आप शीर्षासन करना जल्दी ही सीख सकते हैं। आप सबसे पहले दीवार का सहारा लेकर शीर्षासन करें और धीरे धीरे दीवार का सहारा लेना बंद कर दें। इसके साथ ही आरंभ में आप किसी की उपस्थिति में ही इसका अभ्यास करें तो बेहतर होगा।
इस आर्टिकल में हमने शीर्षासन के फायदे (sirsasana benefits in hindi), शीर्षासन कैसे करें, शीर्षासन कब करना चाहिए और कितनी देर करना चाहिए के विषय में जाना। उम्मीद हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। अब आप भी एक अच्छी सेहत के लिए शीर्षासन का अभ्यास आज से ही आरंभ कर दें।